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Showing posts from December, 2018

विश्राम को न दें विराम

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विश्राम को न दें विराम वर्तमान समय में एक अत्यंत महत्वपूर्ण शब्द जिसे लोग अब स्मरण में नहीं रखते जबकि इस शब्द मात्र का स्मरण क्षणिक स्फूर्ति प्रदान तो कर ही देता है। सोचिए इस शब्द को ओढ़ लिया जाए तो कितनी चैतन्यता प्रदान करेगा। यह अत्यंत महत्वपूर्ण शब्द है- विश्राम। विश्राम कौन नहीं चाहता। हम-आप, आप-सब, फिर भी सबने आज के भाग-दौड़ वाले वातावरण में इससे दूर होकर अपने जीवन को त्वरित वेग वाला यंत्र बना कर रख दिया है। यह शरीर रूपी यंत्र चलता तो बहुत तीव्र गति से है लेकिन यदि इसके औजारों और पुर्जों को आवश्यकतानुसार नियमित ईंधन नहीं दिया जाएगा तो जल्द ही इस शरीर रूपी यंत्र पर से आपका नियंत्रण खो जाएगा जो पुनः या तो वापस आसानी से नहीं प्राप्त होगा या वो गति हमेशा के लिए खो देंगे। इस उदाहरण के सार्थक अर्थ को समझते हुए हमें विश्राम के महत्व को समझना अतिआवश्यक है। हमारे शरीर द्वारा कार्य करने के दौरान गंवाई गयी ऊर्जा को पुनः को प्राप्त करने के लिए आवश्यकता होती है विश्राम की। वास्तव में चाहे वह श्वास लेना हो या सोचना या चलना-फिरना, बोलना, देखना या शारीरिक श्रम जैसे दौड़ना-भागना, सामान ...

No one is MAD

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पागल कोई नहीं है! आज एक जीवंत उदाहरण देखने को मिला। इस विषय को पिछले 10 वर्षों से महसूस कर रहा हूँ और समझ नही आ रहा था कि शुरुआत कहाँ से करूँ। आज कर रहा हूँ। मैं ये नही कहूंगा कि पागल कौन है लेकिन मुझे महसूस होता है कि पागल कोई नहीं है। जिन्हें हम पागल या कम दिमाग का व्यक्ति कहकर संबोधित करते हैं वो वास्तव में बिल्कुल हम जैसे ही हैं। यहां आगे जो बात आप पढ़ेंगे वह आपको अजीब-सी लग सकती है या इस विचार से असहमत भी हो सकते हैं। पिछले कई वर्षों से जब से स्वयं के होने का अहसास हुआ है लगभग तभी से अनेक ऐसे व्यक्तियों के दर्शन हुए जो हमारे मन मस्तिष्क पर एक अमिट छाप छोड़ गए। ये व्यक्ति थे मंद बुद्धि के। लोग उन्हें पागल कहकर संबोधित करते हैं। 2,3 और 4 दिसंबर, 2018 की प्रातः लगातार तीन एक ऐसे ही व्यक्ति के दर्शन हुए प्रयागराज की धरती पर, बेली अस्पताल के पास की एक चाय की दुकान के पास जमीन में नाले की दीवाल का सहारा लिए मुंह में बीड़ी दबाए वह अपनी ही दुनिया में मस्त। मन में क्षणिक असंतोष उत्पन्न हुआ। फिर सोचने लगा ये तो हमसे अधिक खुश लगता है। उसको देखकर पूरा का पूरा दुःख मानो चला ही गया। इस व...