Poet Pramod Kesarwani

दीपक तेल और बाती,



दीपक तेल और बाती,
कैसे-कैसे बने साथी ,
अहसास कर इन्हें,
बनायें साथी-संघाती,
एक भी अगर न हों इसमें,
तो प्रकाश नहीं,
सत्य है,
प्रकाश नहीं तो विकास नहीं|| 

 .... कम  शब्दों का लेखक

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