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Showing posts from May, 2019

योगाभ्यास में बाधक - हरी, वरी, करी

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योगाभ्यास में बाधक - हरी, वरी, करी जल्द ही एक विशेष दिवस आने वाला है... 21 जून, 2015 याद होगा आप सभी को। यह दिन भारतीयों को विशेष हर्ष की अनुभूति कराता है... शायद आप सभी जान गए होंगे कि मैं किस विषय पर बात कर रहा हूं? जी, मैं बात कर रहा हूँ- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की। साथ में एक निवेदन भी अवश्य करूँगा कि आप सभी 'योग' शब्द का उच्चारण करें न कि 'योगा' शब्द का। अन्य किसी से भी आप सुनें तो उन्हें भी 'योगा' शब्द प्रयोग करने के लिए मना करें। वर्ष 2015 को वर्ष के सबसे लंबे दिन यानी 21 जून को ''अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस'' घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ''अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस'' को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। इस दिवस पर यानी 21 जून को भारत सहित पूरा विश्व योगासन व प्राणायाम के साथ योगाभ्यास करेगा। वैसे तो योगा...

किसके लिए- कौन गलत? कौन सही?

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किसके लिए- कौन गलत? कौन सही? "अरे, वो तो बहुत अच्छा आदमी है", "नहीं जी, ये व्यक्ति मुझे समझ में नही आया", "वो तो बहुत घमंडी है", "उसने मेरे साथ अच्छा नही किया", "वो तो बहुत व्यवहारिक आदमी हैं", "भाई, मेरे लिए तो इन्होंने बहुत किया है", "मैं इनका अहसान कभी नहीं भूलूंगा", "तुम्हारे लिए वो आदमी खराब हो सकते हैं, लेकिन मेरे लिए तो भगवान समान हैं", "वो तो बढ़िया व्यक्ति हैं, सबकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं", "सबकुछ होते हुए भी ये व्यक्ति बड़ा ही नकारात्मक है", "आपके साथ उन्होंने क्या किया, मुझे नहीं पता लेकिन मेरे साथ वो हमेशा अच्छे कार्य करते हुए रहे" ये कुछ वाक्य हैं जो अक्सर या वास्तविक कहूँ तो शायद प्रतिदिन आप सभी चलते-फिरते, आपस में बात करते, किसी से कहते-सुनते रूबरू होते हैं। ये सभी के अपने-अपने विचार हैं, विचारों का सामंजस्य है, वातावरण का प्रभाव है, परिवेश के प्रभाव है। अधिकतर लोग दूसरों की कमियां ढूंढते नजर आते हैं। वास्तव में कमियां उन्हीं में हैं...